How To Improve Our Flute Playing Skill (Hindi)

How To Improve Our Flute Playing Skill In Hindi

1. सही से सुर का न बजना

दोस्तों पहली गलती जो ज्यादातर बिगिनर्स बांसुरी वादक करते है वह यह है की वह लोग सही से सुरो को नहीं बजाते, यानेकी वह लोग गाने या रागो के नोट्स तो ध्यान में रख लेते है लेकिन वह उन नोट्स या उन स्वरों को सही से नहीं बजा पाते जिसकी वजह से कुछ स्वर सही से नहीं बजते और उनका बांसुरी बजाना लोगो को चुबने लगता है।

तो आपको सबसे पहले यह देखना है की आपके सभी स्वर पक्के है या नहीं, अगर आपको यह देखना है की आपके सभी स्वर पक्के है या नहीं तो इसके लिए आपको कई तरह के अलंकार को बजाके देखना होगी और यह चेक करना होगा की आपका कोई भी स्वर गलत तो नहीं बज रहा, अगर कोई स्वर गलत बजता है तो उस स्वर को बजाने का आपको बार – बार रियाज़ करना होगा और तब तक उस स्वर का रियाज़ करना होगा जब तक वो स्वर पक्का न हो जाए। तो यह सब करने के बाद जब आप कोई भी गाना बजायेंगे तो वह गाना काफी अच्छा सुनाई देने लगेगा और लोग आपके बांसुरी वादन की बहुत तारीफ करेंगे।

2. बांसुरी की आवाज को कम ज्यादा न करना

तो अगली गलती जो बिगिनर्स बांसुरी वादक करते है वह यह है की वह गाने या राग के बोल के मुताबिक़ अपनी बांसुरी की आवाज को कम ज्यादा नहीं करते। दोस्तों यह गलती तो मैंने काफी ज्यादा बिगिनर्स को करते हुए देखा है, यहाँ तक की मैंने जितने भी बिगिनर्स देखे है उन्हें यह गलती करते हुए तो देखा ही है, और जैसे ही मै उनको उनकी यह गलती बता देता हूँ और उनकी यह गलती सुधार देता हूँ तो उससे उनके बांसुरी वादन में काफी बढ़ा इम्प्रूवमेंट दिखने लगता है और वह काफी अच्छे बांसुरी बजाने लगते है।

तो इसे सुधारने के लिए आपको अपनी साँसों पर कंट्रोल करना सीखना होगा, जिससे आप बांसुरी में कब और कहा कितनी हवा भरना है यह सीख जाएंगे। तो इसके लिए आपको बांसुरी के एक स्वर को लम्बा बजाना होगा और इसका रियाज़ आपको हर दिन करना होगा, फिर धीरे – धीरे आपकी सांस आपके कंट्रोल में आजायेगी। इसके बाद आपको काफी गाने सुन्ना होगा और यह देखना होगा की कब गायक की आवाज़ धीमे हो रही है और कब गायक की आवाज़ तेज़ हो रही है। तो इस तरह आप यह गलती ठीक कर लेंगे और आपके बांसुरी बजाने में काफी अच्छा इम्प्रूवमेंट हो जाएगा।

3. ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स का सही से उपयोग न कर पाना

मैंने काफी बिगिनर्स देखे है जो कई ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स के बारे में जान तो लेते है लेकिन उसे सही से बजा नहीं पाते, जिसकी वजह से वह कोई भी धुन या गाना ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स का उपयोग करके बजाते है तो वह काफी बेसुरा साउंड करने लगता है। तो इसे सुधारने के लिए आपको काफी अच्छे से हर एक ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स की प्रैक्टिस करना होगी चाहे वह गमक बजाना हो, कर्ण से कोई स्वर लेना हो या मींड से कोई स्वर बाजान हो।

आपको कभी भी ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स को सीखने की जल्द बाजी बिलकुल नहीं करना है, आपको सबसे पहले अपनी बेसिक चीज़ो  को अच्छा करना है क्योकि अगर आपको बेसिक चीजे ही अच्छे से नहीं आती तो आपको यह ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स सीखने में तो दिक्कत आना ही आना है और आप कितनी भी कोशिश कर लेंगे अगर आपकी बेसिक अच्छे नहीं है तो आप ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स सीख ही नहीं पाएंगे। तो आपको यह गलती बिलकुल भी नहीं करना है और ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स सीखने की जल्द बाजी बिलकुल नहीं करना है।

4. रियाज़ करने में आलस करना

गाइस अगर आप बांसुरी बजाना अच्छे से सीखना चाहते हो तो आपको बिकुल भी एक भी दिन का रियाज़ नहीं छोड़ना है क्योकि बांसुरी बजाना काफी बढ़ा एक आर्ट है जिसे हर कोई नहीं सीख पाता। और अगर आप कई महीनो या सालो तक रियाज़ नहीं कर पाते हो, तो आपकी जितनी भी मेहनत है वह बेकार हो जायेगी और आपको शुरू से बांसुरी बजाना शुरू करना होगा।

बांसुरी के रियाज़ के छूट जाने की वजह से न तो आप सही से बांसुरी में हवा डाल पाएंगे और न ही बांसुरी पर सही से कोई गाना या राग बजा पाएंगे, तो इसलिए आपको कभी भी अपने रियाज़ को छोड़ना नहीं और मेहनत करते जाना है।

आर्टिकल की पूरी जानकारी जल्द से जल्द

तो इस आर्टिकल में सबसे पहले हमने जाना की सही से सुर के न बजने की वजह से हमारी बांसुरी काफी बेसुरी सुनाई देती है तो सबसे पहले हमे अपने सभी सुरो को पक्का करना चाहिए, फिर हमने जाना की जब हम कोई गाना या राग बजाते है तो हमे उस राग या गाने में मुताबिक अपनी बांसुरी का आवाज को कम ज्यादा करना चाहिए जिसकी वजह से हमारी बांसुरी काफी ज्यादा मधुर हो जाती है।

फिर हमने जाना की हमे ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स को धीरे – धीरे सीखना चाहिए और कोई भी जल्द बाजी नहीं करना चाहिए क्योकि तरह – तरह की ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स सीखना काफी मुश्किल काम है और अगर ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स सही से नहीं सीख पाते तो हम उस ऑर्नमेंटशन टेक्निक्स को सही से नहीं बजा पाते और हमारी बांसुरी बेसुरी साउंड करने लगती है। फिर आखिर में हमने जाना की हमे कभी भी बांसुरी का रियाज़ करने में आलस नहीं खाना चाहिए क्योकि बांसुरी के कम रियाज़ की वजह से हम बांसुरी अच्छा बजाने में असमर्थ हो आते है। तो यह था पूरा आर्टिकल की हम अपने बांसुरी वादन को कैसे सुधारे। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और आप अपने बांसुरी वादन को सुधारने में कामयाब हो गए होंगे।

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