Most Important Questions And Answer About Alankars (Hindi) - Blogtozone

Most Important Questions And Answer About Alankars (Hindi)

1. अलंकार का रियाज़ करने के क्या लाभ है

दोस्तों अलंकार का रियाज़ करने के इतने लाभ है की में आपको बता नहीं सख्त जैसे की अलंकार का रियाज़ करने से आपके सुर काफी ज्यादा मजबूत हो जाते है जिससे की आप मुश्किल से मुश्किल गाना या राग काफी आसानी से गा सख्ते है। दोस्तों कई अलग – अलग प्रकार के अलंकार का रियाज़ करने का एक फायदा यह भी है की आप अपने इमोशंस को अपने गायन या वाद्य यंत्र के जरिये काफी अच्छे से एक्सप्रेस करने लगेंगे जिससे की आपके म्यूजिक में चार चाँद लग जाएंगे।

गाइस अगर आप rythm ओर ताल में नहीं गा पाते तो आपको अलंकार का रियाज़ तो जरूर ही करना चाहिए क्योकि अलंकार का रियाज करने से आपके स्वर ताल के साथ बैठने लगेंगे ओर आप काफी अच्छा गाने ओर बजाने लगेंगे। आपको शुरुवात में कुछ आसान अलंकारों का रियाज करना होगा ओर वो भी मेट्रोनम के साथ और ध्यान रहे शुरुवात में आपको मेट्रोनम की गती को धीमा रखना है ओर धीरे – धीरे कुछ दिनों ओर महीनो के रियाज के बाद मेट्रोनम की गती को धीमे – धीमे बढ़ाना है।

दोस्तों अगर आप राग बजाने का रियाज करते है तो आप जिस भी राग का रियाज कर रहे है उस राग के अलंकार को सर्च करना है या खुद ही उस राग के अलंकार को बनाके रियाज करना है इससे आपकी उस राग में पकड़ अच्छी होगी और आप काफी अच्छा वो राग बजाने लगेंगे।

2. क्या अलंकार का रियाज करने से ही हम अच्छा गा और बजा पाएंगे

गाइस वैसे अलंकार का रियाज करना ही एक मात्र जरिया नहीं अपने गायन और वाद्यंत्र को अच्छा करने का। अगर आप गाना बजाने और राग बजाने का प्रयास रोज करेंगे तो उससे भी आपका गायन और वाद्यंत्र बजाने की कला सुधरेगी, लेकिन दोस्तों अगर आप अलंकार का रियाज करेंगे गाने और राग बजाने के साथ – साथ तो आपके गायन में काफी तेजे से सुधार देखने को मिलेगा और अगर आप फिर सांग गाना ही सीखते रहे तो आप आपकी ग्रोथ धीमे – धीमे होगी।

तो दोस्तों इस सवाल का जवाब यही है की अलंकार एक मात्र जरिया नहीं है गायन और वाद्यंत्र को सुधारने का लेकिन तेजी से गायन और वाद्यंत्र को सुधारने का जरूर अच्छा बिकल्प है।

3. हम अलंकार कैसे बना सख्ते है

दोस्तों काफी लोगो का सवाल यह है की हम खुद नए – नए प्रकार के अलंकार कैसे बना सख्ते है, तो दोस्तों चलिए में आपको बता देता हूँ की आप खुद नए – नए प्रकार के अलंकार कैसे बना सख्ते है। तो सबसे पहले आपको एक पैटर्न को सोच लेना होगा जिस पैटर्न में आपको अलंकार बनाना है जैसे की 121 / 232 / 343 / 454 / 565 / 676 / 787 / 898, पैटर्न को सोच लेने के बाद आपको उस पैटर्न के हिसाब से सरगम को बैठा लेना है। में अपने दिए गए उदहारण पर सरगम को बैठा कर बताता हूँ। सा रे सा / रे ग रे / ग म ग / म प म / प ध प / ध नी ध / नी सा नी / सा’ रे’ सा’। उम्मीद है इस उदहारण के जरिए आपको पैटर्न के हिसाब से सरगम को बैठाना आगया होगा।

गाइस इसी तरह आप राग के स्वरों के हसाब से भी अलंकार बना सख्ते है, जैसे आपको राग भोपाली के अलंकार बनाना है तो आपको सबसे पहले वही पैटर्न सोच लेना है, में उदहारण के लिए 11 / 22 / 33 / 44 / 55 / 66 ले रहा हूँ, फिर आपको पता ही है की राग भोपाली में सा रे ग प और ध का उपयोग होता है और म, नी स्वर बर्जित है, तो इसी के मुताबिक आपको इन स्वरों पर पैटर्न पर बैठा देना है ठीक इस तरह सा सा / रे रे / ग ग / प प / ध ध / सा’ सा।

तो दोस्तों इस तरह आप खुद अपने लिए अलंकार बना सख्ते हो और वो भी किसी भी राग के पैटर्न में, उम्मीद है आपको अलंकार बनाना अच्छे से आ गया होगा और आप भी काफी नए – नए प्रकार के अलंकार बनाने में कामयाब हो गए होंगे। और दोस्तों अगर आप अलंकार बनाने में कामयाब हो गए हो तो हमे कमेंट करके जरूर बताये, इससे हमे काफी खुशी होगी।

कुछ आसान अलंकार

1. आरोह – सा सा / रे रे / ग ग / म म / प प / ध ध / नी नी / सा’ सा’

अवरोह – सा’ सा’ / नी नी / ध ध / प प / म म / ग ग / रे रे / सा सा

2. आरोह – सा ग / रे म / ग प / म ध / प नी / ध सा’

अवरोह – सा’ ध / नी प / ध म / प ग / म रे / ग सा

3. आरोह – सा रे सा / रे ग रे / ग म ग / म प म / प ध प / ध नी ध / नी सा’ नी / सा’ रे’ सा’

अवरोह – सा’ रे’ सा’ / नी सा’ नी / ध नी ध / प ध प / म प म / ग म ग / रे ग रे / सा रे सा

4. आरोह – सा रे / रे ग / ग म / म प / प ध / ध नी / नी सा’

अवरोह – सा’ नी / नी ध / ध प / प म / म ग / ग रे / रे सा

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