अव्यवस्थाओं के बीच शुरू हुआ 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का मूल्यांकन

माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन गुरुवार से शुरू हो गया है। स्थानीय एमएलबी स्कूल में पहले दिन मूल्यांकन का कार्य अव्यवस्थाओं के साथ शुरू हो पाया। इसकी वजह यह रही कि बोर्ड परीक्षा की प्राइवेट परीक्षाओं के प्रेक्टिकल स्कूल में होते रहे, इस वजह से दोपहर 2 बजे के बाद ही मूल्यांकन कार्य शुरू हो पाया।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार, 22 फरवरी को हाई स्कूल की संस्कृत और हिंदी की कॉपियां जांची गई। वहीं हायर सेकंडरी की हिंदी और अंग्रेजी विषयों की कॉपियों का मूल्यांकन किया गया। पहले ही दिन इसके लिए 50 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। शुक्रवार, 23 फरवरी से सुबह 10.30 बजे से मूल्यांकन कार्य शुरू होगा। एग्जाम खत्म होने के बाद 2 चरणों में मूल्यांकन कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो जाएगा। इस संबंध में अधिकारियों का मानना है कि मार्च तक 8 जिलों की कॉपियों का यहां मूल्यांकन होगा।

ननि के रिक्शे में आई कॉपियां

परिसर में अव्यवस्थाओं का आलम यह रहा कि नगर निगम के रिक्शे में हॉल के बाहर से कॉपियां परीक्षा मूल्यांकन कक्ष तक लाई गई। इस संबंध में लोगों का कहना है कि एक तरफ बच्चे साल भर मेहनत कर परीक्षा देते हैं और इस तरह कॉपियों को जांच के लिए ले जाना उचित नहीं है।

विलंब से हुआ गत वर्ष का भुगतान

खास बात ये है कि प्रदेश भर में गत वर्ष बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों को मानदेय का भुगतान पिछले माह ही संभव हो पाया है। स्कूल शिक्षा सत्र के अलावा मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों ने अलग से ड्यूटी पूरी की, लेकिन बीत रहे सत्र के बाद भी इनके मानदेय का दूर-दूर तक पता नहीं रहने से शिक्षकों में रोष व्याप्त रहा। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जिले में 500 शिक्षकों ने माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की 10वीं और 12वीं की कॉपियां चेक की थी। मंडल से 12 और 13 रुपए प्रति कॉपी मूल्यांकन मानदेय मिलता है। वहीं परीक्षकों को चाय-नाश्ता देने का प्रावधान रहा, जो पिछले वर्षों से बंद कर दिया गया है।

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